कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के रेल रोको आंदोलन का असर अब मंडियों में दिखने लगा है। रोपड़ मंडी में बारदाने की कमी के चलते हजारों क्विंटल धान की खुले में ढेरियां लगनी शुरू हो गई हैं और बारदाने की कमी के चलते वीरवार को धान की खरीद नहीं हुई। बता दें कि इससे पहले जिले की अन्य मंडियों डुम्मेवाल व तख्तगढ़ में किसानों द्वारा धरने दिए गए थे और फिर भी हालात बद से बदतर होते नजर आ रहें हैं।
बारदाने का यह संकट इतना बढ़ गया है कि रोपड़ जैसी बड़ी मंडी में भी परेशान हो रही है, जिसके चलते मंडी में खरीद को रोकना पड़ा। इस संबंध में मंडी में पहुंचे किसानों ने रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व सरकार जल्द इस समस्या का हल करे ताकि बिना देरी खरीद शुरू हो सके। इससे किसानों की फसल मंडी में आ सके।
वहीं, अगर बात करें तो रोपड़ मंडी में बुधवार तक टोटल 5887.50 क्विंटल धान की खरीद की है, जिसमें पनग्रेन ने 2050.50 क्विंटल, मार्कफेड ने 3109.50 क्विंटल और एफसीआई ने 727.50 क्विंटल धान की खरीद की है जबकि पनसप एजेंसी की तरफ से पिछले तीन दिन से कोई भी खरीद नहीं की गई। धान की सफाई के बाद निकलता फूस कई दिनों से मंडी की सड़कों पर नहीं उठाया जा रहा है।
इससे धान के फूस कारण धूल उठ रही है। 28 अक्टूबर तक रोपड़ जिले की मंडियों में 20 लाख 33 हजार 290 क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है, जिसमें एफसीआई ने 16750 क्विंटल, मार्कफेड ने 594500 क्विंटल, पनग्रेन ने 725300 क्विंटल, पनसप 496440 और वेयर हाउस द्वारा 200300 क्विंटल धान की खरीद की गई है।
इस संबंधी मंडी अधिकारी जसविंदर सिंह ने बताया कि रेलें बंद होने के चलते बारदाना नहीं पहुंच पाया। इसके चलते बुधवार को धान की खरीद भी नहीं हो सकी। उम्मीद है कि आज बारदाना पहुंच जाएगा और खरीद शुरू हो जाएगी।