बिलासपुर-लेह रेललाइन के तहत भानुपल्ली से बिलासपुर के बाद लेह से उपशी तक पहले 50 किलोमीटर का रेल ट्रैक बिछेगा। उत्तर रेलवे लेह के 50 किलोमीटर के क्षेत्र में सबसे पहले रेलसेवा शुरू करेगा। उसके बाद बैरी और उपशी से अगला कार्य शुरू होगा। लेह में रेल के डिब्बे हवाई या सड़क मार्ग से पहुंचाए जाएंगे।
स्पॉट सर्वे के लिए हिमाचल पहुंचे परियोजना निदेशक शुक्रवार को मनाली में रिव्यू बैठक के बाद शनिवार सुबह दिल्ली लौट जाएंगे। बैठक में आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर, उत्तर रेलवे की टीम और डीआरडीओ के वैज्ञानिक मौजूद रहेंगे। चार अक्तूबर को रक्षा मंत्रालय के साथ रेललाइन को लेकर रिव्यू बैठक होगी। उत्तर रेलवे ने लोगों की मांग को देखते हुए लेह के आबादी वाले इलाके में पहले ट्रेन दौड़ाने का फैसला किया है।
इसके लिए अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में रेललाइन के परियोजना निदेशक और उनकी टीम हिमाचल आएगी और आगामी कार्य की योजना तैयार करेगी। टीम में अलाइनमेंट इंजीनियर खुशबू और साइट इंजीनियर राजू चौधरी शामिल हैं। हाल ही में रेललाइन परियोजना के निदेशक ने एनएचएआई के परियोजना निदेशक मंडी से भी मुलाकात के साथ अटल टनल रोहतांग का भी दौरा किया। बताते चलें कि परियोजना का सर्वे कर डीपीआर तैयार करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने उत्तर रेलवे को 157.72 करोड़ का बजट जारी किया है।
बैरी-लेह रेललाइन के परियोजना निदेशक हरपाल सिंह ने बताया कि भानुपल्ली-बैरी के बाद लेह से उपशी तक ट्रेन चलेगी। इसके बाद बाकी हिस्से का काम शुरू होगा। सर्वे टीम ने काम शुरू कर दिया है। चार अक्तूबर को रक्षा मंत्रालय के साथ दिल्ली में रेललाइन पर रिव्यू बैठक होगी। इसके बाद टीम अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में फिर हिमाचल आएगी। लेह से उपशी तक 50 किमी पर ट्रैक बिछाकर हवाई या सड़क मार्ग से डिब्बे लेह पहुंचाए जाएंगे।