कालीबाड़ी मंदिर में दुर्गा पूजा के लिए पंडाल सज गया है और तैयारियों को फाइनल टच दिया जा रहा है। कोविड 19 के चलते हालांकि आयोजन करने की अनुमति थोड़ी देरी से मिली है। इसलिए मूर्ती स्थापना बुधवार की बजाय अब गुरुवार को किया जाएगा। लेकिन श्रद्धालुओं और विजिटर्स के लिए पंडाल को शुक्रवार को खोला जाएगा। केंद्र सरकार और प्रशासन की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक ही आयोजन किया जा रहा है और इस दौरान कोविड19 के सभी नियमों की पालना की जाएगी।
कालीबाड़ी सोसायटी के जनरल सेक्रेटरी राजेश रॉय ने बताया कि 23 और 25 यानी कि सप्तमी और नवमी पर सुबह 8 से दोपहर दो बजे और शाम साढ़े 4 से 6 बजे तक द्वारों को खोला जाएगा। वहीं 24 अक्टूबर यानी कि अष्टमी के दिन सुबह 7:45 बजे से 10:15 बजे, दोपहर 12 बजे से 2:30 बजे और शाम साढ़े 4 से 6 बजे तक दरबार में एंट्री होगी।
एंट्री सिर्फ मास्क के साथ होगी, एंट्री गेट पर डिजिटल टेंप्रेचर स्कैनिंग होगी और टेंप्रेचर 98.6 डिग्री से नीचे होना चाहिए। एंट्री गेट पर बॉडी की सैनिटाइजेशन होगी, सोशल डिस्टेंसिंग के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं को स्कवैर में खड़े रहना होगा। सभी मेंबर्स या श्रद्धालु इंफ्लैमेट्री ऑब्जेक्ट लेकर मंदिर परिसर में एंट्री नहीं करेंगे। पुष्पांजलि के दौरान दुर्गा मां की मूर्ती पर प्रसाद के साथ या अलग से फूल चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। चढ़ावे के लिए सिर्फ सूखी मिठाई और साबुत फल चढ़ाने की अनुमति ही होगी। सीनियर सिटीजंस,फिजिकली हैंडीकैप्ड और ऑर्थो मरीजों के लिए अलग से एंट्री गेट होंगे। पूजा के लिए निर्धारित जगहों पर ही खड़े रहना होगा। इस दौरान लंगर की व्यवस्था नहीं होगी।
सभी कार्यक्रमों का प्रसारण कालीबाड़ी मंदिर के सोशल मीडिया पेज पर लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा। 23 से 25 अक्टूबर तक शाम 7 बजकर 15 मिनट पर संध्या आरती होगी। 24 अक्टूबर को सुबह साढ़े 9 बजे से 10 बजकर 45 मिनट तक महा अष्टमी पूजा और पुष्पांजलि होगी। 24 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से 11 बजकर 45 मिनट तक सांधी पूजा होगी। इसके बाद सांधी पूजा पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। हर सदस्य को वहां 20 से 30 मिनट रुकने की ही अनुमति होगी। लेकिन अंजलि अर्पित करने की सूरत में एक सदस्य वहां 40 मिनट तक रुक सकेगा। 26 को महादशमी और 30 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा की जाएगी।