सदन में सांसदों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार से दुखी राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने एक दिन के उपवास का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने सदन के सभापति को तीन पन्नों का पत्र लिखा है जिसमें बताया है कि राज्यसभा में जो भी हुआ उससे वे पीड़ा और तनाव में है जिसके कारण रात भर सो भी नहीं पाए। पत्र में उन्होंने यह भी लिखा, ’22 सितंबर सुबह से कल 23 सितंबर सुबह तक, इस अवसर पर चौबीस घंटे का उपवास मैं कर रहा हूं। काम काज की गति न रुके, इसलिए उपवास के दौरान भी राज्यसभा के कामकाज में नियमित व सामान्य रूप से हिस्सा लूंगा।’ इसके साथ ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी 20 सितंबर की घटना के संबंध में पत्र लिखा है।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश 20 सितंबर को कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए अनियंत्रित व्यवहार के खिलाफ 24 घंटों के लिए उपवास रखेंगे। इसकी जानकारी उन्होंने सभापति एम. वेंकैया नायडू को दे दी है। चिट्ठी में उपसभापति हरिवंश ने लिखा कि 20 सितंबर को उच्च सदन की जो तस्वीर थी, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची। लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ। आसन पर बैठे व्यक्ति को डराने की कोशिश हुई। नियम पुस्तिका फाड़ी गई।
दरअसल, रविवार को सदन में कृषि विधेयक को लेकर विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया और उपसभापति से दुव्यर्वहार भी किया जिसके बाद सोमवार को इन्हें संसद के बचे सत्र से निलंबित कर दिया गया। इसके खिलाफ निलंबित सांसदों ने विरोध प्रकट करते हुए संसद परिसर में ही चादर बिछाकर धरना दिया और सोमवार पूरी रात परिसर में ही रहे।
राज्यसभा से निलंबित आठों सांसद रातभर गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहे। उन्हें सभापति वेंकैया नायडू ने रविवार को सदन में हंगामा करने और उपसभापति से बदसलूकी के लिए सस्पेंड किया था। सोमवार दोपहर से धरना दे रहे सांसदों से मिलने मंगलवार सुबह खुद उपसभापति हरिवंश वहां पहुंच गए।